Azadi - Gully Boy Lyrics In Hindi

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Azadi - Gully Boy| Ranveer Singh & Alia Bhatt | DIVINE | Dub Sharma | Siddhant | Zoya Akhtar - DIVINE & Dub Sharma Lyrics












Singer DIVINE & Dub Sharma
Singer Dub Sharma & Divine
Music Ankur Tewari
Song Writer DIVINE & Dub Sharma


आज़ादी

आज़ादी

आज़ादी

आज़ादी



तेरा पिंजरा मजाल ने खाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



तेरा मुक्क जाना सारा लाना बाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



तेरा पिंजरा मजाल ने खाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



तेरा मुक्क जाना सारा लाना बाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



बहुत बैठे चुप चाप

क्या घंटे का इन्साफ

देश कैसे होगा साफ़

इनकी नीयत में है दाग़

सिर्फ करते रहेंगे बात

अलग शकल, वही जात

वोट मिलने पर ये ख़ास

फिर गायब पूरे साल



हाँ मेरा भाई

येह तोह नोटों की सरकार है ना

नोट से बनाते

अपने बेटों को येह स्टार हैं ना

कितने बेकार क्यों

येह आपस में झंकार हैं ना

बाकी पूरा देश डूबे

इनकी नइयां पार है ना



अच्छी विद्या चाहिए

अच्छा ख़ासा माल देना

नल में पानी चाहिए

खड़े रेल लाइन में ना

ज़मीन अपनी पर

नोट दिखा कर साइन लेना

ड्रग्स लाये येह फिर

धकेल देंगे क्राइम पे ना



अकेला इंसान फिर गाडी तेरी चार क्यों?

घर में हैं चार फिर रूम्स तेरे आठ क्यों?



पैसों से नहीं बनते

कुदरत से हम ख़ास क्यों

तेरी पीढ़ी का सोच वह कैसे लेंगे सांस क्यों



शुउउउउउउ उउउउउउ



क्या शू?

इक तरफा तराज़ू

क्या शू?

तेरी हसी, मेरे आंसू

क्या शू?

घुट घुट के क्यों सांस लून?

क्या शू?

उससे देगा क्या हिसाब तू हाँ?



तेरा पिंजरा मजाल ने खाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



तेरा मुक्क जाना सारा लाना बाना

परिन्देया ने उड़ जाना तेरा पिंजरा



ओह नहीं बन ना मुझे स्लम डॉग मिलियनेयर

येह स्लम डॉग है मिशन पे

सिस्टम के कीड़े जो रेंगते अपने कफ़न पे

बचपन से

छुरा रखा इन्होने अपने गर्दन पे

पुस्तक में येह लिखते गलत

सीखते गलत

चीखते हलक

पर किसी को परवाह नहीं

येह शैतान हैं इंसान नहीं

धरम के नाम पे काम\ वही

धरम बनाया इंसान नहीं

पैसों के लिए येह था सभी

दिमाग लड़ा कर जान कभी

ध्यान से लगा तू कान कभी

इस्तेमाल कर तू ज़बान कभी



अनदेखा क्यों है जान के भी

अनदेखा क्यों है जान के भी

सचाई में तू समां कभी

अच्छे से तू कमा कभी

इस गंध को करना साफ़ अभी

इस गंध को करना साफ़ अभी

इस गंध को करना साफ़ अभी



क्या शू?

इक तरफा तराज़ू

क्या शू?

तेरी हसी, मेरे आंसू

क्या शू?

घुट घुट के क्यों सांस लून?

क्या शू?

उससे देगा क्या हिसाब तू हाँ?



बोलो आज़ादी

बोलो आज़ादी















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