Shuru Karein Kya - Article 15 | Ayushmann Khurrana, SlowCheeta, Dee MC,Kaam Bhaari,Spitfire | 28June - SlowCheeta, Dee MC, Kaam Bhaari & Spitfire Lyrics
Singer | SlowCheeta, Dee MC, Kaam Bhaari & Spitfire |
Singer | Devin "DLP" Parker & Gingger |
Music | Devin "DLP" Parker & Gingger |
Song Writer | SlowCheeta, Dee MC, Kaam Bhaari & Spitfire |
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
शुरुआत से ही सीखते गलत है
गरम है हम सब पे पर खुद में जो दम है वो कम है क्या
तेरे अन्दर की ज़मीर आज नम है क्या
दूसरों पे भौके तुझे खुद पे शर्म है क्या
गरीबों पे अत्याचार बच्चियों का बलात्कार
ना रुकेगा ना तो ना होगा ऐसा कोई चमत्कार
ऊँगली उठाते पर आवाज तो उठाओ
नोट सब छापे साले इज्ज़त कमाओ
बत्ती तुम जलाते खाली कदम बढ़ाते अपने अन्दर के अँधेरे में वो बत्ती को जलाओ
आफ़ताब सी उड़ान क्यूँ समाज बना चिलमन सा लूटकर कर जो लथपथ तू पूछता है जात उनका
तरकश में मज़हब ये जब तक तराजू के
पीढ़ी की मौत होगी घर्षण करे शंका
हाँ ऐनक अवाम का है साफ नहीं
देवी हाँ सड़कों पे डर के क्यूँ काँप रही
सांप बनी छाती पे दहशत धरम की तू खुद है मसीहा ये आँखें क्यूँ नम सी
सांप बनी छाती पे दहशत धरम की तू खुद है मसीहा ये आँखें क्यूँ नम सी
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
तू भाई मुस्लमान का तो काई को लड़ते जात पे
इंसानियत है गुमशुदा और psycho हम हालात से
और अपने लोगो को तो चाहिए जाती का वार हाथी का दाँत
तू बोल मुझको किधर गायब इन्साफ
तभी तो मिलेगा जभी तू अपने हक को बोलना शुरू करेगा
सच को खोलना सब के बारे में सोचना अब तू नहीं डरेगा
अमीर के थाली में रोटी है चार फ़कीर नहीं है मिला प्रसाद सब ठीक है तेरा तो बढ़ा व्यापार कमजोर पे ऐसे ना डाल दबाव
चलो शुरू से करें हाल क्यूँ बेहाल है
ऐसे तो आजादी को हुवे सत्तर साल हैं
हम आज़ाद ना फिर भी कभी सुनते ना खुद की घर बैठे सोचेंगे मसले की तरकीब
कदम ले आगे तो पीछे ये खींचे तू ज्यादा सच उगले तो धरती के नीचे
अब नीचे ही रहना हिम्मत से सहना वो मारे वो पीटे तू कुछ भी ना कहना
हर जाती से छोटी यहाँ औरत की जात दे दे जीवन की डोर किसी और के हाथ यहाँ
प्राण जाए पर मान ना जाए दौलत की लालच हड़पती दुआएं
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या...(शुरू करें क्या)(शुरू करें क्या)(शुरू करें क्या)(शुरू करें क्या)